देखते ही देखते यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। जिसके बाद बेंगलुरु के कई निवासी शिकायतों के साथ आगे आए हैं। उनमें से एक ने कहा, “जब प्रवीण सूद एसीपी ट्रैफिक थे, तो उन्होंने दस्तावेजों की जांच के लिए वाहनों को रोकने पर प्रतिबंध लगा दिया था।
Traffic Cops Suspended For Taking 2,500 Bribe : भारत में ट्रैफिक पुलिस अक्सर वाहनों को रोककर बीच सड़क पर चेकिंग करती नजर आती है, और इसी बीच कागजात पूरे ना होने पर चालान कर दिया जाता है, अगर आपको चालान नहीं कराना है, तो यकिनन आपको रिश्वत के रूप में पुलिस को कुछ पैसे देने होंगे। जिसके बाद आपको जाने दिया जाता है। खैर, एक ट्रैफिक पुलिस असिस्टेंस सब-इंस्पेक्टर और बेंगलुरु पुलिस के हेड कांस्टेबल को हाल ही में ड्यूटी से निलंबित (Suspend) कर दिया गया था। क्योंकि, उन पर रिश्वत लेने का आरोप लगा था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बेंगलुरु के देवंगा जंक्शन पर ड्यूटी पर तैनात दोनों अधिकारियों ने एक कार के अंदर वॉश बेसिन (Wash basin) ले जाने के लिए एक कार चालक से रिश्वत ली। यह घटना 10 जून की है। दोनों अधिकारी देवंगा जंक्शन पर यातायात को नियंत्रित कर रहे थे, तभी उन्होंने केरल के संतोष कुमार नाम के एक व्यक्ति की कार को रोका। संतोष के कार रोकने के बाद, पुलिस ने उसे बताया कि कार के अंदर वॉश बेसिन ले जाना वास्तव में यातायात नियमों का उल्लंघन है।
यह भी पढ़ें :- 19 साल की उम्र में Youtuber ने अपने पिता को उपहार में दी लग्जरी कार

20,000 का मामला 2,500 रुपये में निपटा
संयुक्त पुलिस आयुक्त (Crime) रविकांत गौड़ा बी आर के अनुसार पुलिस ने शुरू में 20,000 रुपये का जुर्माना मांगा और बाद में संतोष को 2,500 रुपये देकर मामले को निपटाने का विकल्प दिया। संतोष ने पुलिस को 2,500 रुपये का भुगतान किया और इसके तुरंत बाद उन्होंने पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को एक ईमेल लिखा। इस ईमेल के बाद Joint Commissioner ने बताया कि प्रारंभिक जांच के दौरान काम पर गैर-जिम्मेदार पाए जाने के कारण अधिकारियों को ड्यूटी से निलंबित कर दिया गया है।
देखते ही देखते यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। जिसके बाद बेंगलुरु के कई निवासी शिकायतों के साथ आगे आए हैं। उनमें से एक ने कहा, “जब प्रवीण सूद एसीपी ट्रैफिक थे, तो उन्होंने दस्तावेजों की जांच के लिए वाहनों को रोकने पर प्रतिबंध लगा दिया था, और अब प्रवीण सूद डीजीपी के रूप में कार्यरत हैं, और हर जगह वाहनों को रोकना एक दैनिक घटना बन गई है!” पुलिस महानिदेशक प्रवीण सूद ने सोशल मीडिया पर सफाई देते हुए कहा कि अगर कोई वाहन यातायात उल्लंघन नहीं करता है तो उसे नहीं रोका जाना चाहिए।
यह भी पढ़ें :- फेल हो गई सुरक्षा में Maruti Suzuki की ये कार, इस छोटी कार को मिले 3-स्टार, क्रैश टेस्ट में हुआ बुरा हाल

आम है इस तरह ही घटनाएं
बेंगलुरु निवासी के ट्वीट का जवाब देते हुए डीजीपी ने कहा, “हां, मैं इसके साथ खड़ा हूं, और फिर से दोहराता हूं … कोई भी वाहन केवल दस्तावेजों की जांच के लिए नहीं रोका जाएगा, जब तक कि उसने यातायात का उल्लंघन नहीं किया हो और @CPBlr (बेंगलुरु शहर के पुलिस आयुक्त) और @jointcptraffic (संयुक्त पुलिस आयुक्त, बेंगलुरु (यातायात) को इस नियम को तुरंत लागू करने का निर्देश दिया गया है।”
हालांकि,यह पहली बार नहीं है, जब इस तरह की घटना सामने आई है। पहले भी कई लोग यह कहते हुए सामने आए हैं कि ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारियों ने अक्सर वाहनों को सड़क के बीच में रोक दिया है, जिससे उन्हें और अन्य सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए समस्या और खतरा पैदा हो गया है।
यह भी पढ़ें :- 2022 Toyota Hyryder : टोयोटा ने उतारी मार्केट में अपनी सेल्फ चार्जिंग हाइब्रिड SUV, 25,000 रुपये से बुकिंग शुरू

यातायात पुलिस ने की 140 करोड़ रुपये की वसूली
बताते चलें, कि बेंगलुरु शहर का यातायात देश में सबसे खराब में से एक माना जाता है। इस साल 31 मई तक बेंगलुरु शहर की यातायात पुलिस ने मोटर वाहन अधिनियम के तहत मोटर चालकों के खिलाफ 37,07,312 मामले दर्ज किए हैं। इन मामलों के माध्यम से विभाग ने यातायात उल्लंघन से लगभग 69.74 करोड़ रुपये एकत्र किए हैं। वहीं पिछले साल विभाग ने जुर्माने से 140 करोड़ रुपये की भारी वसूली की थी।
यह भी पढ़ें :- Honda City Hybrid की कम हुई 3 लाख रुपये कीमत, जानिए अब चुकानी होगी कितनी रकम