वाहन पहचान संख्या एक अद्वितीय सीरियल नंबर है जिसका उपयोग कानूनी रूप से किसी वाहन की पहचान करने के लिए किया जाता है।
Used Vehicle Buying Tips: सेकेंड हैंड वाहन बाजार इन दिनों बेहद लोकप्रिय है, और इसके पीछे वजह है कम कीमत! हम भारतीय हमेशा कम कीमत एक माइलेज में अव्वल और डिजाइन में नई कार या बाइक की तलाश में रहते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है, कि सामने से खूबसूरत दिख रही बाइक या कार भीतर से एक डब्बा हो सकती है। तो अगर आपने भी एक यूज्ड वाहन लेने का प्लान बना लिया है, या भविष्य में ऐसा कुछ करने की सोच रहे हैं, तो इसके बारे में डिटेल जरूर पढ़ लें।
पेंट और डेंट दे सकते हैं धोखा
सबसे पहले आप अपनी पसंदीदा बाइक्स की सूची बनाकर अपने लिए एक मॉडल पसंद कर लें। इसके लिए ऑनलाइन रिसर्च करें। जब आपकी रिसर्च पूरी हो जाए। तो सबसे पहले बाइक या कार का पेंट चेक कर लें। पेंट का खराब होना या डेंट खरोंच पड़ना इस बात का सबूत हो सकता है, कि वाहन मालिक ने वाहन की देखभाल अच्छे से नहीं की है। टायर के साथ अन्य टूट-फूट की जाँच करें।
VIN नंबर की जांच
पेंट का जांचने के बाद ध्यान रखें सर्विसिंग रिकॉर्ड। मालिक से इस बात की पूछताछ करें कि उसका सर्विसिंग रिकोर्ड क्या है। इसके साथ ही वाहन की पूरी तसल्ली के लिए VIN नंबर को स्कैन करें। वाहन पहचान संख्या एक अद्वितीय सीरियल नंबर है जिसका उपयोग कानूनी रूप से किसी वाहन की पहचान करने के लिए किया जाता है। ज़्यादातर बाइक्स पर यह आपको फ़्रेम के स्टीयरिंग नेक सेक्शन पर, हेडलाइट के ठीक पीछे मिल जाएगा।
कागजात की पाबंदी
इसके बाद वाहन के कागजात जैसे आरसी बुक, बाइक बीमा, बाइक बीमा की वैधता, प्रदूषण प्रमाण पत्र, मूल चालान, विस्तारित वारंटी (यदि कोई हो) सभी को अच्छे से जांचे। वही जब आप वाहन की टेस्ट उ्राइव के लिए जाएं तो स्पीड, माइलेज की जांच करने के लिए एक लंबी राइड लें। इससे आपको वाहन के परफॉर्मेंस का भी अंदाजा हो जाएगा। इन विषयों पर आप अपने स्थानीय मैकेनिक से बात कर सकते हैं। भले ही आपने अपनी सेकेंड-हैंड बाइक किसी निजी पार्टी से खरीदने का फैसला किया हो, लेकिन किसी भी तरह का एग्रीमेंट करने से पहले हर बात की तह तक जाएं।