बीते साल भी Pure EV के दो स्कूटर में इस तरह की घटना सामने आई। लेकिन कंपनी की तरफ से इस बात पर अभी कोई जवाब नहीं आया है। वहीं पिछले हफ्ते पुणे में Ola Electric Scooter में आग लगने के बाद इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं।
Electric Vehicles में आग लगने की घटनाएं आम हो गई हैं, और एक के बाद एक स्कूटर इसका शिकार हो रहा है। Ola S1 Pro में लगी आग क बाद प्योर ईवी(Pure EV) स्कूटर फिर ओकिनावा की घटना से लोग ईवी खरीदने से डर रहे हैं। हाल ही में खबर कि एक ओर प्योर ईवी स्कूटर आग का गोला बन गया। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही 36 सेकेंड की वीडियो में देखा जा सकता है, कि रेड कलर का ePluto स्कूटर आग से घिरा है। फिलहाल, स्कूटर में आग लगने का पता नहीं चल पाया है, लेकिन इस बात से आप परिचित हैं, कि ईवी में आग लगने का 90 प्रतिशत कारण बैटरी है, क्योंकि बैटरी में मामूली सा शार्ट सर्किट भी पूरे स्कूटर में आग पकड़ लेता है।
बीते साल भी Pure EV के दो स्कूटर में इस तरह की घटना सामने आई। लेकिन कंपनी की तरफ से इस बात पर अभी कोई जवाब नहीं आया है। वहीं पिछले हफ्ते पुणे में Ola Electric Scooter में आग लगने के बाद इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं। हालांकि, बैंगलोर स्थित इलेक्ट्रिक दोपहिया निर्माता ओला ने यह सुनिश्चित किया कि ओला में वाहन सुरक्षा सर्वोपरि है।
सरकार ने दिया सख्त आदेश
कंपनी इस मामले को देख रही है और आने वाले दिनों में पूरी जानकारी साझा करेगी। इस विषय पर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय भी जांच कर रहा है, और कंपनी के सीईओ भाविश अग्रवाल ने हाल ही में नितिन गडकरी से मुलाकात की। वहीं (MoRTH) के अनुसार, सेंटर फॉर फायर एक्सप्लोसिव एंड एनवायरनमेंट सेफ्टी (CFEES) को उन परिस्थितियों की जांच करने के लिए कहा गया है जिनके कारण यह घटना हुई। जिस पर अभी रिपोर्ट आनी बाकी है। इस विषय पर ओला इलेक्ट्रिक ने अपने ट्विटर अकाउंट के माध्यम से कहा, “हम पुणे में हुई घटना से अवगत हैं जो हमारे एक स्कूटर के साथ हुई थी, फिलहाल मूल कारण को समझने के लिए हम जांच कर रहे हैं और अगले कुछ दिनों में और अपडेट साझा करेंगे।”
क्यों लगती है Electric Scooters में आग?
Okinawa ने एक के बाद एक आ रही स्कूटर में आग की घटनाओं पर जांच के लिए रिकॉल जारी किया है, हालांकि इन घटनाओं के लिए अभी तक कोई निर्णायक कारण नहीं बताया गया है, विशेषज्ञों का सुझाव है कि आग के पीछे बढ़ते तापमान और बैटरी की तकनीक खराबी अहम कारण हो सकते हैं। इस तरह की घटनाएं घटिया बैटरी गुणवत्ता या बैटरी के बारे में ज्ञान की कमी होने के बावजूद इनका निर्माण करने से होती हैं। अगर इन घटनाओं से निजात पाना है, तो प्रीमियम गुणवत्ता वाले सेल और बेहतर बीएमएस का उपयोग बैटरी में किया जाना चाहिए। बैटरी डिजाइन में थर्मल रनवे सबसे महत्वपूर्ण है। यानी 99% बैटरी आग शॉर्ट सर्किट के कारण अनियंत्रित करंट की वजह से होती है।