लगातार सुरक्षा को ताख पर रखकर कार बनाने वाली कंपनी Maruti Suzuki देश में सबसे किफायती कारें सेल करती है, लेकिन कीमत को कम करके सुरक्षा से समझौता अब मारुति पर भारी पड़ने वाला है, क्योंकि, 1 अप्रैल 2023 से देश में बेची जाने वाली सभी कारों को Bharat NCAP क्रैश टेस्ट से गुजरना होगा।
Maruti S-Presso Crash Test : मारुति भारत में सबसे ज्यादा कारों को सेल करने वाली वाहन निर्माता कंपनी है, लेकिन मारुति की कारें सुरक्षा में लगभग जीरो होती हैं। इसी क्रम में मेड-इन-इंडिया मारुति सुजुकी S-Presso को हाल ही में अफ्रीका सेफर कार प्रोग्राम के तहत ग्लोबल एनसीएपी (न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम) क्रैश टेस्ट में 3-स्टार रेटिंग दी गई। इस मिनी कार को एडल्ट ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन के लिए 3-स्टार सेफ्टी रेटिंग और चाइल्ड ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन के लिए 2- स्टार रेटिंग दी गई। यहां ध्यान देने वाली बात यह है, कि इस क्रैश टेस्ट के दौरान टेस्ट किया गया गया मॉडल ही भारतीय बाजार में ब्रिकी पर है।
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साल 2020 में Maruti S-Presso को मिले 0 स्टार
2020 में ग्लोबल एनसीएपी ने S-Presso का क्रैश टेस्ट किया था, जिसमें एस-प्रेसो को जीरा-स्टार रेटिंग दी गई। इस कार को मुख्य रूप से एडल्ट फ्रंट पैसेंजर टेस्ट डमी में सुरद्वाा के लिहाज से खराब बताया गया। वहीं चालक के साथ-साथ यात्री के सीने के क्षेत्र के लिए भी एस-प्रेसो कुछ खास साबित नहीं हुई। कुल मिलाकर एडल्ट सुरक्षा के लिए एस-प्रेसो ने 17.00 में से 0.00 स्कोर हासिल किए थे। ग्लोबल ऑटोमोटिव सेफ्टी वॉचडॉग ने भी पीछे की सीट पर बच्चे के रहने वाले दोनों टेस्ट डमी के लिए खराब स्कोर का उल्लेख किया था, और इसका पूरा श्रेय भारत के लिए S-Presso में चाइल्ड रेस्ट्रेंट सिस्टम की कमी को दिया गया। बाल सुरक्षा के लिए कार ने 49.00 में से महज दो स्टार और 13.84 अंक हासिल किए थे।
वहीं अब दक्षिण अफ्रीकी बाजार के लिए परीक्षण की गई कार को एडल्ट सुरक्षा के लिए तीन स्टार और बाल सुरक्षा के लिए दो स्टार मिले। व्यक्तिगत स्कोर पर एस-प्रेसो ने एडल्ट सुरक्षा के लिए 17 में से 8.96 अंक और बाल सुरक्षा के लिए 15.00 अंक स्कोर किए। ग्लोबल एनसीएपी ने नोट किया कि भारतीय बाजार के लिए परीक्षण की गई कार के विपरीत ड्राइवर और यात्री डमी की गर्दन को दी जाने वाली सुरक्षा अच्छी थी। खैर, ग्लोबल एनसीएपी ने एस-प्रेसो का फिर से परीक्षण करने का फैसला इसलिए किया क्योंकि ऐसी खबरें थीं कि इसका दक्षिण अफ्रीका-स्पेक मॉडल भारत में बेचे जाने वाले मॉडल की तुलना में सुरक्षित है।
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जुलाई से बदल जाएंगे Crash Test नियम
हालांकि,भारत के लिए सुरक्षित कारों और अफ्रीका के लिए सुरक्षित कारों दोनों के क्रैश परीक्षण प्रोटोकॉल में भी कोई अंतर नहीं है। वहीं Global NCAP जुलाई से अधिक एडवासं टेस्टिंग प्रोटोकॉल पेश करने के लिए तैयार है। जुलाई से कारों को 5-स्टार सुरक्षा रेटिंग प्राप्त करने के लिए उन्हें अनिवार्य रूप से साइड इफेक्ट परीक्षणों के अधीन करना होगा और ईएससी को स्टैंडर्ड तौर पर कार में दिया जाना होगा। इसके अलावा कारों को संयुक्त राष्ट्र की आवश्यकताओं के अनुसार पैदल यात्री सुरक्षा उपायों का पालन करना होगा।
नए मानदंडों में कहा गया है कि भले ही एक कार को कई स्टार मिले हों, लेकिन अगर डमी रीडिंग शरीर के एक महत्वपूर्ण हिस्से के लिए खराब सुरक्षा दिखाती है, तो कार को केवल 1-स्टार मिलेगा, चाहे उसके कुल अंक कितने भी हों। इतना ही भारत भी सुरक्षित कारों की तरफ कदम बढ़ा रहा है, अगले साल 1 अप्रैल से देश में Bharat NCAP क्रैश टेस्ट लागू होने जा रहा है, जिसके तहत भारत में बेची जाने वाली सभी कारों का परिक्षण किया जाएगा।
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Bharat NCAP से घबराई मारुति
Bharat NCAP के शुरू होने से पहले ही मारुति ने इस प्रोग्राम से किनारा कर लिया है, लगातार सुरक्षा को ताख पर रखकर कार बनाने वाली कंपनी मारुति देश में सबसे किफायती कारें सेल करती है, लेकिन Bharat NCAP पर कंपनी के अधिकारी का कहना है, कि अगर देश में बेची जाने वाली सभी कारों का क्रैश टेस्ट होगा तो इससे वाहन खरीदारों के लिए सुरक्षा कार खरीदारी का एक बेंचमार्क हो सकती है, जिससे छोटी कारों को भी सुरक्षित बनाने की दिशा में काम किया जाएगा और इसका सीधा असर कार की लागत पर पड़ेगा। जिससे वाहन की कीमत में भारी इजाफा देखा जाएगा।
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