Kia Carens ने एडल्ट ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन में कुल 17 में से 9.30 अंक हासिल किए हैं। वहीं Global NCAP का का दावा है कि कैरेंस का प्लेटफॉर्म और फुटवेल क्षेत्र अस्थिर पाया गया था, और बॉडीशेल ‘आगे के भार को झेलने’ में सक्षम नहीं था।
Kia Carens Safety Rating : भारतीय कार बाजार में इन दिनों लोग माइलेज के बाद सुरक्षा को लेकर चिंतित रहते हैं। लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारत में जल्द Bharat New Vehicle Safety Assessment प्रोग्राम की शुरूआत की जाएगी। फिलहाल, भारतीय कारों की सुरक्षा Global NCAP के तहत आंकी जाती है, और जो लोग Kia Carens की सेफ्टी का इंतजार कर रहे हैं, उनके लिए SaferCarsForIndia अभियान के तहत Kia Carens ने एडल्ट और बच्चे दोनों के लिए 3-स्टार रेटिंग हासिल की है। बता दें, कि किआ कैरेंस के बेस वेरिएंट की GLOBAL NCAP में टेस्टिंग की गई। जिसमें इसे 3-स्टार रेटिंग हासिल हुई।
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कितनी सुरक्षित है बेस्ट सेलिंग एमपीवी कैरेंस
Kia Carens का बेस वैरिएंट छह एयरबैग, इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल (ईएससी), सीटबेल्ट प्रीटेंशनर, एबीएस के साथ ईबीडी, ऑल व्हील डिस्क ब्रेक और टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम (टीपीएमएस) से लैस था। ध्यान दें, कि Kia Carens ने एडल्ट ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन में कुल 17 में से 9.30 अंक हासिल किए हैं। वहीं ग्लोबल एनकैप का का दावा है कि कैरेंस का प्लेटफॉर्म और फुटवेल क्षेत्र अस्थिर पाया गया था, और बॉडीशेल ‘आगे के भार को झेलने’ में सक्षम नहीं था। हालांकि, इस एमपीवी की सिर और गर्दन की सुरक्षा अच्छी पाई गई। जबकि चालक की छाती की सुरक्षा को मामूली बताया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि सामने बैठने वाले के घुटने की सुरक्षा भी काफी मामूली थी।
वहीं Kia Carens ने चाइल्ड ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन में संभावित 49 में से कुल 30.99 अंक हासिल किए। रिपोर्ट में कहा गया है कि Carens को ISOFIX माउंटिंग पॉइंट्स और चाइल्ड रेस्ट्रेंट सिस्टम मिलते हैं। टेस्ट में Kia Carens ने 3 साल की डमी को आगे की ओर बच्चे की सीट पर सीमित सुरक्षा की पेशकश की। वहीं 1.5 साल वाली डमी को पीछे वाली चाइल्ड सीटों पर रखा गया था। रियर सेंटर सीट में लैप बेल्ट के कारण कैरेंस महत्वपूर्ण बिंदुओं से चूक गई। Kia Carens ने साइड इफेक्ट टेस्ट को भी सफलतापूर्वक पास कर लिया। क्योंकि यह दो साइड बॉडी और हेड प्रोटेक्शन एयरबैग के साथ आती है।
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Kia Carens की सुरक्षा पर उठे सवाल
Kia Carens की टेस्टिंग के परिणाम की घोषणा के मौके पर ग्लोबल एनसीएपी के महासचिव एलेजांद्रो फुरस ने कहा, “भारत में लागू होने वाले छह एयरबैग वाले नियम को कैरेंस में एक स्टैंडर्ड तौर पर देखा जाता है। हालांकि, हमें इस मॉडल से बेहतर परफॉर्मेंस की उम्मीद थी। यह चिंता का विषय है कि किआ जैसे वैश्विक कार ब्रांड जो आमतौर पर अन्य बाजारों में 5-स्टार रेटिंग हासिल करते हैं, अभी भी भारत में इस स्तर तक नहीं पहुंच रहे हैं। उम्मीद है, कि भविष्य में किआ अपने भारतीय वाहनों में सुरक्षा के लिहाज से सुधार करेगी।”
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कैरेंस ने किया सेल्टोस से बेहतर
Kia Seltos ने ग्लोबल एनकैप क्रैश टेस्ट में 3-स्टार क्रैश टेस्ट रेटिंग हासिल की थी। सेल्टोस के 8.03 अंकों की तुलना में Carens ने एडल्ट ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन में 9.30 अंक हासिल किए हैं। वहीं 3-पंक्ति एमपीवी Carens ने बच्चों की सुरक्षा के लिए 30.99 अंकों के साथ 3 स्टार सुरक्षा रेटिंग हासिल की है। दूसरी ओर, Kia Seltos को चाइल्ड ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन में 2 स्टार और 15-पॉइंट मिलते हैं। किआ मोटर्स वर्तमान देश की पांचवी सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी है, और लगातार बढ़ रही लोकप्रियता के चलते कैरेंस और सेल्टॉस की यह सुरक्षा काफी चिंतानजक है।
हाई टेस्टिंग पैमाने की तैयाार में Global NCAP
वहीं दिलचस्प बात यह है, कि ग्लोबल एनकैप अगले महीने से एक अधिक हाई टेस्टिंग प्रोटोकॉल पेश करने के लिए तैयार है। जिसके मुताबिक कारों को 5-स्टार सुरक्षा रेटिंग प्राप्त करने के लिए उन्हें अनिवार्य रूप से साइड इफेक्ट परीक्षणों से गुजरना होगा। इसके साथ ही कारों को संयुक्त राष्ट्र की आवश्यकताओं के अनुसार पैदल यात्री सुरक्षा उपायों का भी पालन करना होगा। नए मानदंडों में यह भी कहा गया है कि भले ही एक कार को कई स्टार मिले हों, लेकिन अगर डमी रीडिंग शरीर के एक महत्वपूर्ण हिस्से के लिए खराब सुरक्षा दिखाती है, तो कार को केवल एक स्टार मिलेगी चाहे कुल अंक कुछ भी हों।
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