2019 में, हुंडई ने एंट्री-लेवल हैचबैक सेगमेंट प्रतिद्वंद्वियों को लेने के लिए सैंट्रो के निचले वेरिएंट को फिर से स्थापित करने पर ध्यान दिया, जिसमें ऑल्टो और 800cc रेनॉल्ट क्विड जैसे दिग्गज शामिल थे।लेकिन कड़े BS6 उत्सर्जन मानदंडो के चलते इसकी लागत में इजाफा हुआ। जिसका असर इसकी कीमत पर भी पड़ा।
Hyundai Santro : दक्षिण कोरिया की कार मेकर कंपनी हुंडई ने देश में आज अपनी एंट्री-लेवल Santro हैचबैक का उत्पादन बंद करने की घोषणा की है। इस कार को साल 1998 में पहली बार लॉन्च किया गया था। खास बात यह रही कि सैंट्रो के पहली पीढ़ी वाले मॉडल को साल 2014 तक भारतीय बाजार में बेचा गया। वहीं कंपनी चार साल बाद 2018 में Santro को Eon रिप्लेसमेंट के तौर पर वापस लाई। हालांकि Eon मार्केट में कोई खास जगह नहीं बना पाई। जिसके बाद एक बार फिर हुंडई ने 2018 में सैंट्रो को लगभग 3.9 लाख रुपये की शुरुआती कीमत पर फिर से पेश किया। लॉन्च के समय, सैंट्रो में नए डिज़ाइन एलिमेंट्स थे, और यह बिल्कुल नया फील देती थी। यहां तक कि इसके 1.1-लीटर पेट्रोल इंजन को सीएनजी विकल्प के साथ बेचा गया। सैंट्रो की खासियत थी, कि इसने एक बजट कार के रूप में ग्राहकों के बीच लोकप्रियता हासिल की।
क्या रही वजह
वहीं दोबारा से पेश की गई Santro का एंट्री-लेवल वैरिएंट ऑफर के हिसाब से काफी महंगा था, और कंपनी ने इसे सीएनजी विकल्प से भी दूर रखा। 2019 में, हुंडई ने एंट्री-लेवल हैचबैक सेगमेंट प्रतिद्वंद्वियों को लेने के लिए सैंट्रो के निचले वेरिएंट को फिर से स्थापित करने पर ध्यान दिया, जिसमें ऑल्टो और 800cc रेनॉल्ट क्विड जैसे दिग्गज शामिल थे। लेकिन कड़े BS6 उत्सर्जन मानदंडो के चलते इसकी लागत में इजाफा हुआ। जिसका असर इसकी कीमत पर भी पड़ा। अपनी दूसरी पारी के दौरान सैंट्रो की बिक्री शुरू से ही चरम पर थी, लेकिन ग्राहकों की दिलचस्पी हुंडई की एंट्री-लेवल पेशकश से कम होती जा रही है। साथ ही, ग्राहकों का SUV या SUV जैसे हाई-राइडिंग वाहनों की ओर रुझान लगातार बढ़ रहा है। जिसके चलते मिनी कारें भारत से अलविदा कहती जा रही हैं। मारुति सुजुकी भारतीय कार बाजार की प्रवृत्ति को बहुत पहले ही भांप चुकी है, और इसने अपनी धीमी गति से बिकने वाली ऑल्टो के10 को एस-प्रेसो हाई-राइडिंग हैचबैक से बदल दिया। जिसने एसयूवी जैसी स्टाइलिंग संकेत तो प्रस्तुत किए थे, लेकिन यह फीचर्स में मात खा गई।
Grand i10 Nios और Aura के डीजल वैरिएंट वेबसाइट से गायब
ऐसा लग रहा है कि हुंडई धीरे-धीरे उन कार निर्माताओं की सूची में शामिल होने की राह पर है जो डीजल से चलने वाली कारों को पूरी तरह से नहीं बल्कि आंशिक रूप से छोड़ रहे हैं। हाल की रिपोर्टों के अनुसार, Hyundai ने अपनी कॉम्पैक्ट कारों जैसे Grand i10 Nios और Aura के डीजल वेरिएंट के लिए बुकिंग लेना बंद कर दिया है। वहीं अब Hyundai की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार Santro हैचबैक को भी बंद कर दिया गया है। वर्तमान में Grand i10 Nios और Aura की बुकिंग कंपनी के डीलर्स नहीं ले रहे हें, और इसी बीच कंपनी की वेबसाइट से इन दोनों मॉडल्स को हटा दिया गया है। बताते चलें, कि हुंडई ने अभी तक भारत में अपने मॉडल लाइन-अप में बदलाव के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन ऐसा लगता है कि दक्षिण कोरियाई निर्माता कारों के टॉप वैरिएंट पर फोकस कर रही है। हुंडई सैंट्रो की वित्त वर्ष 2022 में लगभग 2,000 इकाइयों की बिक्री करने में सफल रही। दिलचस्प बात यह है कि यह हैचबैक एक समय में हुंडई की सबसे ज्यादा बिकने वाली कारों में से एक थी और कंपनी की कुल बिक्री में इसका लगभग 76 प्रतिशत हिस्सा था।
डैटसन ब्रांड भारत से एग्जिट
ध्यान दें, कि जापानी कार निर्माता निसान ने घोषणा की कि उन्होंने भारत में डैटसन ब्रांड के तहत बिकने वाले वाहनों का उत्पादन बंद कर दिया है। कार निर्माता बहुत लंबे समय से इसकी योजना बना रहा है। कंपनी पहले ही रूस और इंडोनेशिया में डैटसन ब्रांड को बंद कर चुकी है, जिसके बाद अब नजर भारत पर टिकी थी। इस फैसले के साथ ही डैटसन का लगभग 9 साल का लंबा सफर भारत में खत्म हो गया है। वास्तव में यह सिर्फ भारत में ही नहीं , बल्कि वैश्विक स्तर पर डैटसन मॉडल के उत्पादन को बंद किया जा रहा है। ब्रिकी के आंकड़ों पर गौर करें तो जनवरी 2021 से दिसंबर 2021 तक डैटसन भारत में केवल 4,296 यूनिट बेचने में सफल रही। कंपनी के मुताबिक निसान डैटसन को बंद कर रही है, लेकिन मौजूदा डैटसन ग्राहकों को अपना समर्थन देना जारी रखेगी। ग्राहकों को सेवा, पुर्जे और वारंटी सेवाओं के साथ किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।