है। हाल ही में एक इलेक्ट्रिक बाइक में आग लगने से एक व्यक्ति की मौत हो गई । इलेक्ट्रिक वाहन भारत का भविष्य हो सकते हैं, लेकिन ये फिलहाल खरीदारों पर भारी पड़ रही है, या कहें कि कुछ बदकिस्मत लोगों पर।
इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं, एक के बाद एक स्कूटर आग का गोला बन रहे है, और कंपनियों ने इसकी वजह पर चुप्पी साधी हुई है। हाल ही में एक इलेक्ट्रिक बाइक में आग लगने से एक व्यक्ति की मौत हो गई । इलेक्ट्रिक वाहन भारत का भविष्य हो सकते हैं, लेकिन ये फिलहाल खरीदारों पर भारी पड़ रही है, या कहें कि कुछ बदकिस्मत लोगों पर। पिछले कुछ दिनों में भारत के अलग-अलग राज्यों में आग की चार अलग-अलग घटनाएं सामने आई हैं। आग की दुर्घटनाओं को सीधे तौर पर गर्मी के मौसम के साथ जोड़कर देखा जा रहा है।
सरकार भी ईवी पर सख्त
इस दिशा में ओला इलेक्ट्रिक एक ऐसा ब्रांड है जिसने अपने पहले इलेक्ट्रिक स्कूटर Ola S1 सीरीज के लिए लोगों में उत्सुकता पैदा कर दी। वहीं आग की घटना से यह स्कूटर भी बच नहीं पाया। घटना पुणे में हुई और विस्फोट सड़क पर उस समय हुआ जब स्कूटर खड़ा था। इसके बाद एक और घटना हुई। जिसने इस मुद्दे पर सोचने के निए मजबूर कर दिया। Okinawa ऑटोटेक ईवी के वाहन में आग लगने से पिता-पुत्री दोनों की मौत हो गई। इन सभी विषयों पर एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने आग की घटनाओं की जांच का भी आदेश दिया है। लेकिन सवाल यह है, कि क्यों लगती है इलेक्ट्रिक स्कूटर्स में आग।
क्या है कारण
इलेक्ट्रिक वाहन लिथियम-आयन बैटरी से चलते हैं, यह वही पावर स्रोत है, जिसपर स्मार्टफोन भी चलता है और स्मार्टफोन में विस्फोट की घटना से हम परिचित हैं। हालांकि विस्फोटों और आग का आकार व पैमाना इलेक्ट्रिक स्कूटरों में स्मार्टफोन की तुलना में बड़ा होता है। इसके अलावा दूसरा कारण है, एक्सपोजर। जहां स्मार्टफोन ज्यादातर आपकी जेब या बैग के अंदर रखे रहते हैं, वहीं ईवी लगभग हर समय धूप, बारिश और गंदगी के संपर्क में रहते हैं। आप चाहकर भी ईवी को ठंडी और सूखी स्थिति में नहीं रख सकते। जबकि अधिकांश ओईएम अपनी बैटरियों के लिए एक आईपी रेटिंग प्रदान करते हैं, लेकिन यहां यह मूमकिन है, कि वे भारत की अत्यधिक गर्मी को कम करने में सक्षम न हों।
कैसे करें समाधान
बैटरी में विस्फोट से बचने के लिए आप बैटरी के साथ आए चार्जर का ही प्रयोग करें। यानी इंटरचेंज या किसी अन्य वाहन के चार्जर का उपयोग न करें। इसके साथ ही बैटरियों को कमरे के तापमान पर रखें और उपयोग के बाद 1 घंटे के भीतर बैटरी चार्ज करने से बचें। अक्सर यह सलाह दी जाती है, कि बैटरियों को चार्ज करने से पहले कुछ समय के लिए ठंडा होने दें। -यदि आप पाते हैं कि बैटरी केसिंग क्षतिग्रस्त (Damage) है या इसमें पानी घुस गया है, तो तुरंत बैटरी को वाहन से अलग करें और अपने डीलर को सूचित करें। बैटरी और चार्जर को साफ, सूखी और हवादार जगह पर रखें व सुनिश्चित करें।