Monday, October 2, 2023

Audi e-Tron Battery : इलेक्ट्रिक कार की पुरानी बैटरी से चलेगी भारत में ई-रिक्शा, अगले साल सड़कों पर भरेगी रफ़्तार

बैटरी के इस प्रयोग को पायलट प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में अगले साल की शुरुआत में शुरू किया जाएगा और कंपनी अगल साल ऐसे तीन प्रोटोटाइप लेकर आएगी जिनमें इस तरह ही बैटरी का इस्तेमाल किया जाएगा। कंपनी का कहना है, कि इनके जरिए विशेष रूप से महिलाएं अपने सामान को बाजारों तक पहुंचाने के लिए इलेक्ट्रिक रिक्शा का उपयोग करने में सक्षम होंगी।

यह भी पढ़ें :- Ather 450X Observation : सब्सिडी, वास्तविक रेंज, चार्जिंग कोस्ट, कितना फायदेमंद है ये स्कूटर खरीदना?

लोग दुनिया भर में इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपना रहे हैं, जैसे-जैसे इलेक्ट्रिक वाहन गति पकड़ रहे हैं, इन सब के बीच कार के जीवन चक्र के अंत में ईवी बैटरी का निपटान जल्द ही एक पर्यावरणीय चिंता का विषय बन जाएगा। ध्यान दें, कि इलेक्ट्रिक वाहनों में ज्यादात्तर लिथियम-आयन बैटरी का इस्तेमाल होता है। जिनमें कई प्रकार की खतरनाक सामग्री होती है, और यहां तक ​​कि इनमें विस्फोट होने से दुर्घटनाएं भी हो सकती हैं। फिलहाल, एक कदम आग बाते हुए और बैटरी की समस्या से निपटने के लिए ऑडी ने जर्मन-भारतीय स्टार्ट-अप नुनाम के सहयोग से एक शुरुआत की है। जिसके जरिए इलेक्ट्रिक कार का जीवन चक्र खत्म होने पर उसकी बैटरी को किसी सरल और छोटी दूरी के वाहनों में इस्तेमाल की जा सकेगी।

Audi E-rickshaw Concept

सोलर पैनल के साथ​ होंगी चार्ज

Nunam कंपनी का बेस बर्लिन और बेंगलुरु में है, और ऑडी एनवायरनमेंटल फाउंडेशन द्वारा इसे फाइनेंस किया जाता है। फिलहाल, बैटरी के इस प्रयोग को पायलट प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में अगले साल की शुरुआत में शुरू किया जाएगा और कंपनी अगल साल ऐसे तीन प्रोटोटाइप लेकर आएगी जिनमें इस तरह ही बैटरी का इस्तेमाल किया जाएगा। बता दें, स्टार्टअप नुनम और ऑडी द्वारा तैयार किए जाने वाले ये प्रोटोटाइप ऑडी ई-ट्रॉन परीक्षण बेड़े में वाहनों से ली गई उपयोग की गई बैटरी से लैस होंगे। जिसके जरिए कंपनी यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि क्या ईवीएस में प्रयोग की जाने वाली हाई-वोल्टेज बैटरी मॉड्यूल की सेकेंड-लाइफ पावर स्टोरेज सिस्टम हो सकती है या नहीं।

इस विषय पर नुनाम के सह-संस्थापक प्रदीप चटर्जी कहते हैं, कि “कार बैटरी को कार के जीवन को चलाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। लेकिन एक वाहन के पास अपने शुरुआती उपयोग के बाद भी बहुत अधिक शक्ति रहती हैं, कम रेंज और बिजली की आवश्यकता वाले वाहनों के साथ-साथ कम वजन वाले वाहनों के लिए ये बैटरी बेहद आशाजनक हैं। इस प्राजेक्ट के जरिए हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि बैटरी अपनी सेकेंड लाइफ में कितनी शक्ति प्रदान कर सकती है।” नुनम ने अपने नेकारसुलम साइट पर ऑडी की टेस्टिंग टीम के सहयोग से प्रोटोटाइप तैयार किए हैं। बता दें, कि यह नुनम के अलावा ऑडी एजी और ऑडी एनवायरनमेंटल फाउंडेशन के बीच पहली संयुक्त परियोजना भी है। वहीं इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य भारत में विशेष रूप से महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना है।

यह भी पढ़ें :- बीच सड़क पर चलते चलते बिखर गया Ola Electric Scooter , मालिक की बची जान, कंपनी को सुनाई खरी खोटी !

Audi E-rickshaw Concept

सेकेंड लाइफ के बाद भी काम करेंगी बैटरी

सेकेंड-लाइफ बैटरी द्वारा चलने वाले ई-रिक्शा 2023 की शुरुआत में एक पायलट प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में भारतीय सड़कों पर उतरने वाले हैं, कंपनी का कहना है, कि इनके जरिए विशेष रूप से महिलाएं अपने सामान को बाजारों तक पहुंचाने के लिए इलेक्ट्रिक रिक्शा का उपयोग करने में सक्षम होंगी। इतना ही नहीं नुनाम ई-रिक्शा के लिए सोलर पैनल चार्जिंग सिस्टम भी मुहैया कराएगी।जो दिन के दौरान पैनल ऑडी ई-ट्रॉन की बैटरी चार्ज करेंगे और बफर स्टोरेज यूनिट के रूप में कार्य करेगी।

बता दें, भारत में इलेक्ट्रिक रिक्शा आमतौर पर लेड-एसिड बैटरी से चलते हैं, जिनकी लाइफ काफी कम होती है। कंपनी का कहना है, कि एक बार बैटरियां अपने पहले और दूसरे जीवनचक्र को पार करने के बाद भी एलईडी लाइटिंग आदि को भी बिजली देने के लिए उपयोग की जा सकती हैं। यहां तक ​​कि अगर आप ई-ट्रॉन बैटरी पैक कोशिकाओं का 50% बचा सकते हैं, तो इसे आसानी से लाइट वगैरह के लिए उपयोग किया जा सकता है क्योंकि ईवी दिन पर दिन बढ़ रहे हैं, और बैटरी निपटान आने वाले समय में पर्यावरण के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द होगा।

यह भी पढ़ें :- इलेक्ट्रिक स्कूटर्स में लगी आग की घटनाओं से डरी कंपनी! टाल दी अपने स्कूटर की डिलीवरी

Audi E-rickshaw Concept

भारत में कारगार होगा ये उपाय

बैटरी की लाइफ से जुड़े पूरे डेटा को कंपनी ओपन-सोर्स प्लेटफॉर्म सर्कुलर बैटरी पर उपलब्ध कराएगी। बता दें, कि इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी का दोबारा से इस्तेमाल कोई नया नहीं है। क्योंकि निसान अपने लीफ ईवी से बैटरियों का उपयोग कुछ ऐसे वाहनों को बिजली देने के लिए कर रहा है, जो निसान के कारखानों में पुर्जे एक जगह से दूसरी जगह ले जाते हैं। वहीं भारत का ईवी सेगमेंट बढ़ रहा है, तो इस तरह की बैटरी का उपयोग घरेलू इनवर्टर को बिजली देने के लिए भी किया जा सकता है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां अक्सर बिजली कटौती होती है। यह न केवल बैटरी के जीवन का विस्तार करता है, बल्कि संसाधनों का अधिक कुशल उपयोग भी करता है।

यह भी पढ़ें :- Hero MotoCorp के इलेक्ट्रिक स्कूटर पर बड़ी खबर, इस तारीख को होगा लॉन्च, जानिए क्या होगा ख़ास

Audi E-rickshaw Concept

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

fifteen − 4 =

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

Most Popular

Recent Comments