Commission for Air Quality Management के अनुसार, ऐसी डीजल कारों पर प्रतिबंध चौथे और अंतिम चरण के प्रतिबंधों के दायरे में आता है, जो एक्यूआई के 450 को पार करने पर सक्रिय हो जाएगा।
अगर आप दिल्ली के आसपास वाले इलोके में रहते हैं, और एक बीएस 4 डीजल कार के मालिक हैं, तो आपके लिए हाई अलर्ट पर रहने का समय है क्योंकि केंद्र सरकार बीएस 4 डीजल कारों पर बैन लगाने की तैयारी में है। कुछ दिन पहले Commission for Air Quality Management ने वायु प्रदूषण से लड़ने के लिए अपना Graded Response Action Plan ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) जारी किया था। जिसके तहत अधिकारियों को नई दिल्ली और आसपास के एनसीआर क्षेत्रों में निजी कारों सहित सभी बीएस 4 डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया गया।
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9 लाख के करीब होंगे वाहन बैन
हालांकि, इस निर्देश का पालन तभी किया जाएगा जब एयर क्ववालिटी इंडेक्स 450 से ऊपर होगा। Commission for Air Quality Management के अनुसार, ऐसी डीजल कारों पर प्रतिबंध चौथे और अंतिम चरण के प्रतिबंधों के दायरे में आता है, जो एक्यूआई के 450 को पार करने पर सक्रिय हो जाएगा। यानी अगर Air Quality Index 450 पार कर जाता है, तो निजी कारों सहित 9,42,447 डीजल वाहनों को दिल्ली में बैन कर दिया जाएगा।
दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा देखते हुए राज्य सरकार ने 1 अक्टूबर 2022 से राजधानी में डीजल कमर्शियल वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। यह आदेश 28 फरवरी, 2023 तक वैध रहेगा। बता दें, कि इससे पहले डीजल वाहनों को नवंबर-दिसंबर में राष्ट्रीय राजधानी से केवल 15-20 दिनों के लिए रोक दिया गया था, और अब यह नया आदेश 15 से 20 दिन नहीं बल्कि चार महीने की अवधि को कवर करता है। आधिकारिक संख्या के अनुसार, लगभग 75,000 ट्रक हर दिन दिल्ली में प्रवेश करते हैं। हालांकि पराली जलाना प्रदूषण में एक प्रमुख भूमिका निभाता है, लेकिन ट्रक प्रदूषण में योगदान देने और हवा में पीएम 2.5/10 को काफी हद तक बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हैं।
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बीएस3 वाहनों पर भी गिरेगी गाज
सूत्रों के अनुसार इस आदेश के तहत अकेले डीजल वाहनों को लक्षित किया गया है क्योंकि वे अधिक मात्रा में नाइट्रोजन ऑक्साइड कंम्पाउंट का उत्सर्जन करते हैं जिनका मानव स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। वहीं बाजार में ब्रिकी के लिए उपलब्ध बीएस 6 डीजल वाहन अपने बीएस 4 वाहनों के मुकाबले एक तिहाई से भी कम उत्सर्जन करते हैं। इसके अलावा, संशोधित जीआरएपी ने एनसीआर राज्यों की सरकारों को बीएस 4 डीजल कारों के साथ-साथ बीएस 3 पेट्रोल कारों पर भी प्रतिबंध लगाने की अनुमति दी है। ध्यान दें, कि अकेले नई दिल्ली में 29,57,630 बीएस 3 वाहन हैं, हालांकि यह ज्ञात नहीं है कि इनमें से कितनी पेट्रोल कारें हैं। वहीं राजधानी में 10 साल से पुरानी डीजल कारों को पहले ही डीरजिस्टर्ड माना जा रहा है।

नोट :- लगातार बढ़ रहे प्रदुषण के स्तर को देखते हुए मुंबई नगर निगम (बीएमसी) वर्ष के अंत तक शहर में अपने स्वयं के पांच air quality monitoring stations को स्थापित करने की तैयारी में है। वर्तमान में, मुंबई में ऐसे स्टेशनों का संचालन करने वाले अन्य दो निकायों में Maharashtra Pollution Control Board (12 स्टेशन के साथ) औरIndian Institute of Tropical Meteorology, Pune (8 स्टेशन के साथ) शामिल हैं, जो वायु गुणवत्ताऔर अनुसंधान के लिए अपने सिस्टम (SAFAR) के तहत इनका संचालन करते हैं।
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